


भागलपुर नगर निगम में कार्यरत महिला ई-रिक्शा चालकों ने वेतन में कटौती और समय पर भुगतान न होने को लेकर जमकर नाराजगी जताई। सोमवार को दर्जनों महिला चालक निगम कार्यालय पहुंचीं और अधिकारियों से शिकायत करते हुए हंगामा किया।
इन महिलाओं ने बताया कि वे जीविका स्वयं सहायता समूह के तहत नगर निगम क्षेत्र में घर-घर जाकर कूड़ा एकत्र करने का कार्य करती हैं, लेकिन छह-छह महीने तक वेतन नहीं मिलता और जब भुगतान होता है तो उसमें मनमानी कटौती कर दी जाती है। महिला चालक प्रीति देवी ने आरोप लगाया कि जब वे सिटी मैनेजर से वेतन को लेकर सवाल करती हैं तो उन्हें धमकी दी जाती है कि “काम करना है तो करो, नहीं तो चाबी दो और घर जाओ।”

महिलाओं ने एक पत्र का हवाला देते हुए बताया कि उनका मासिक वेतन 12,120 रुपये तय है, लेकिन नगर निगम द्वारा उन्हें मात्र 5,200 रुपये ही दिए जाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सिटी मैनेजर और नगर आयुक्त की मिलीभगत से उनका हक मारा जा रहा है।
महिलाओं का कहना है कि समय पर वेतन न मिलने के कारण उन्हें कर्ज लेकर घर चलाना पड़ता है। बच्चों की पढ़ाई, दवा और अन्य खर्च में भी परेशानी होती है। लगातार हो रही कटौती और भुगतान में देरी से वे मानसिक तनाव में हैं।
महिला चालकों ने नगर निगम प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द इस समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वे सामूहिक रूप से काम छोड़कर आंदोलन करेंगी। उन्होंने मांग की कि उनका पूरा वेतन समय पर और बिना कटौती के दिया जाए।
