बिहपुर: रविवार काे बिहार राज्य किसानसभा के तत्वाधान तले प्रखंड के बिहपुर दक्षिण/सोनवर्षा पंचायत में प्रखंड के किसानों व रैयतों का क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित हुआ।जिसमें क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों के किसान व रैयत पहुंचे।जिसकी अध्यक्षता मुखिया नीनारानी व संचालन प्रणेश समदर्शी ने किया।सम्मेलन के द्वारा सरकार व जिला प्रशासन से मांग किया कि गंगा दियारा में किसानों की वो जमीन जिस पर गंगा की धारा बहने के कारण बिहार सरकार हो गई थी।वह जमीन गंगा की धारा की धारा बदलने के कारण गंगा के गर्भ से निकल गई है।हमारी मांग है कि गंगा की गर्भ से निकले जमीन की पुराने रैयतों व उत्तराधिकारियों के नाम जमाबंदी हो।अगर उक्त जमीन पुराने रैयतों के नाम से जमाबंदी न कर किसी अन्य दिया गया तो यह एक बड़े विवाद कारण बनेगा।सम्मेलन को कामरेड रामशरण यादव,सरपंच प्रतिनिधि मिथिलेश कुमार व रंजीत राणा आदि ने भी संबोधित करते हुए कहा कि इस दिशा में सरकारी पहल नहीं हुआ तो हम अपनी मांग को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगें।वहीं इस सम्मेलन में कहा गया कि किसानों की एेसी जमीन जो पानी में हैं।
पानी आ जाने के कारण किसान का जुड़ाव अपनी जमीन से कुछ समय के लिए नही रहता है।उसका स्वामित्व रैयतों को सुपुर्द करने व उक्त पानी वाली जमीन पर से मछुआरा संघ के अधिकार से मुक्त कराने व इसको लेकर आगे की रणनीति व आंदोलन की रूपरेखा पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।बैठक में मुखिया प्रतिनिधि प्रवीण उर्फ फोर्ड,उप मुखिया राहुल कुमार,अवधेश मालाकार,निरंजन कुमर,नंदकिशोर कुमर,नंदकिशोर कुमर,मृत्युंजय कुमर,अरूण राय सच्चिदानंद राय आदि समेत सोनवर्षा,बभनगामा,अमरपुर, गौरीपुर व बिक्रमपुर समेत अन्य कई गांवों के किसानों की भागीदारी थी।कामरेड प्रणेश समदर्शी ने कहा कि आंदोलन की अगली कड़ी में अंचल कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन होगा।जिसके तिथि की घोषणा जल्द कर दिया जाएगा।वताया गया कि इन बातों को पिछले तीस अक्टूबर को सोनवर्षा में ही जनसंवाद कार्यक्रम में पहुंचे डीएम,एसपी, डीडीसी व एसडीओ समेत बीडीओ व सीओ के समक्ष भी प्रमुखता से रखा गया था।साथ ही आवेदन भी सौंपा गया था।जिस पर डीएम ने इस दिशा में विधिसम्मत व उचित पहल करने का आश्वासन भी दिया था।