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  • नवगछिया एसपी, एसडीओ, एसडीपीओ ने समझा बुझा कर किया लोगों को शांत

सोनवर्षा निवासी हत्याकांड के विचाराधीन बंदी संतोष कुमार की संदेहास्पद मौत को लेकर नवगछिया अनुमंडल कारा के सामने मृतक के परिजनों ने हंगामा किया है तो दूसरी तरफ कारा में रहने वाले बंदियों ने भी प्रदर्शन किया है. संतोष की मौत के बाद बंदी उग्र थे और नारेबाजी कर रहे थे. सूचना पर नवगछिया एसपी सुशांत कुमार सरोज, एसडीओ उत्तम कुमार, एसडीपीओ दिलीप कुमार और सीओ विश्वास आनंद ने उपकारा पहुंच कर बंदियों को समझा बुझा कर शांत किया. पदाधिकारियों की टीम द्वरा बंदियों को काफी देर तक समझाया बुझाया गया. सूत्रों ने बताया कि बंदियों ने जेल में मिलने वाले खाने की भी शिकायत की. जिसके बाद पदाधिकारियों ने भी बंदियों के साथ भोजन किया. जिसके बाद बंदी संतुष्ट थे. इधर कारा के गेट पर सुबह नौ बजे मृतक की पत्नी समेत परिजन और ग्रामीण पहुंच गए और हंगामा करने लगे.

वे लोग जेल के अंदर जा कर घटना स्थल देखने की जिद कर रहे थे. हालांकि प्रशासनिक सख्ती के बाद परिजन मुख्य गेट से हट गए. इसके बाद परिजनों का नेतृत्व आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव करने लगे. राजेंद्र यादव के नेतृत्व में लोगों ने जम कर नारे बाजी की. करीब तीन घंटे तक परिजन जेल गेट के पास डटे रहे. इस दौरान आस पास के कई थानों से पुलिस बलों को एहतियातन बुलाया गया. एसडीओ उत्तम कुमार और एसडीपीओ दिलीप कुमार ने लोगों को समझने बुझाने का प्रयास किया. मौके पर ही सोनवर्षा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि अजय कुमार उर्फ लाली मुखिया ने निजी स्तर पर मृतक के परिजनों को सहायता राशि कुल ₹15000 की नगदी प्रदान किया. जबकि प्रशासनिक पदाधिकारियों ने मामले की न्यायिक जांच कराने और परिजनों को विधिवत मुआवजा दिलवाने में मदद करने की बात कही. जिसके बाद ग्रामीण और मृतक के परिजन अपने गांव लौटे. इधर मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया गया है. जानकारी मिली है कि मृतक का विधिवत दाह संस्कार लत्तीपुर के सिकिया घाट पर किया गया है.

मृतक की पत्नी रूसा देवी बार बार कह रही थी कि उसके पति को जहर की सुई दे कर मार डाला गया है. जब उसके पति की हालत खराब हुई तो जेल से उसे सूचना मिलना चाहिए था. लेकिन किसी भी प्रकार की सूचना उन्हें नहीं दी गयी. रुषा देवी ने कहा कि जब उसके पति जेल गए तो उनका परिवार अस्त व्यस्त हो गया. क्योंकि संतोष ही उसके परिवार का इकलौता कमाउ सदस्य था. अब उनकी मौत के बाद उसके तीन बच्चों का भरण पोषण कैसे होगा, इसी चिंता भी उसे खायी जा रही है. रुषा देवी ने पिछले 24 घंटे से कुछ नहीं खाया था. दाह संस्कार के बाद आस पास के ग्रामीण महिलाओं की जिद पर उसने अल्पाहार किया. इधर आजाद हिंद मोर्चा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कहा कि जेल में महज तीन माह के अंदर यह जेल में दूसरी मौत है. यह जेल है या मौत का घर. मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.

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