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प्राचीन विक्रमशिला विश्वविद्यालय के धूमिल होते अतीत को खोए हुए गौरव को केंद्रीय विश्वविद्यालय के रूप में वैश्विक पटल पर लाने की दिशा में कवायद तेज हो चुकी है। संभावना है कि प्रधानमंत्री मोदी अप्रैल से मई महीने में केंद्रीय विश्वविद्यालय की आधारशिला रख सकते हैं, लेकिन इसके पहले इसी साल किराए के भवन में कक्षाएं संचालित हो सकती हैं।
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छात्रों का नामांकन प्रक्रिया शुरू करने को लेकर पहल हो रही है।
VO 1 – भागलपुर के कहलगांव स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय के भग्नावशेष से थोड़ी दूर अन्तिचक और मलकपुर मौजा में जमीन चिन्हित की गई है। कुल 208 एकड़ जमीन का चयन किया गया है, और जमीन अधिग्रहण के लिए सरकार ने 88 करोड़ रुपये दिए हैं।
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इसके साथ ही, 10 साल पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्रीय विश्वविद्यालय की घोषणा की थी और 500 करोड़ रुपये विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए दिए थे। वर्षों से जमीन चयन और अधिग्रहण की प्रक्रिया फाइलों में अटकी हुई थी, लेकिन अब जमीन चयन कर रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है। हाल ही में भागलपुर महोत्सव के मंच से सम्राट चौधरी ने कहा था कि पीएम मोदी अप्रैल से मई के बीच आकर आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वविद्यालय के शिलान्यास की इच्छा जताई थी। कहा जा रहा है कि तीन महीने के अंदर डीपीआर तैयार कर ली जाएगी।
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इससे पहले विश्वविद्यालय में कक्षाएं किराए के भवन में संचालित हो सकती हैं, इसके लिए जिलाधिकारी की ओर से पहल की जा रही है।
VO 2 – विक्रमशिला विश्वविद्यालय के निर्माण को लेकर हाल ही में सम्राट चौधरी ने कहा था कि नालंदा का शिलान्यास हो चुका है और पीएम मोदी ने मुझसे पूछा था कि विक्रमशिला के शिलान्यास के लिए कब बुला रहे हो
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। हमने जमीन की राशि प्रशासन को उपलब्ध करा दी है और अगले तीन महीने में जमीन अधिग्रहण, डीपीआर तैयार करने, और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद पीएम मोदी अप्रैल-मई में केंद्रीय विश्वविद्यालय की आधारशिला रखेंगे।
Speech – सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री
VO 3 – जिलाधिकारी नवल किशोर चौधरी ने पिछले साल पदभार ग्रहण करते ही विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की दिशा में कवायद तेज कर दी थी। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही यहां कोर्स का संचालन शुरू हो जाएगा और इसके लिए बिल्डिंग भी खोज ली गई है। यदि किराए के भवन में कोर्स शुरू होता है तो यह बड़ी उपलब्धि होगी।
Byte – डॉ नवल किशोर चौधरी, जिलाधिकारी भागलपुर
VO 4 – सांसद अजय मंडल ने कई दफा सदन में और संबंधित मंत्रियों से मिलकर विक्रमशिला विश्वविद्यालय के निर्माण की मांग की है। गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने भी इस मुद्दे को लोकसभा में उठाया था। विधायक अजित शर्मा और पवन यादव ने विधानसभा में भूमि चयन और अधिग्रहण की मांग की थी। सांसद अजय मंडल ने कहा कि विक्रमशिला विश्वविद्यालय का उद्धार जल्द होगा और यह नालंदा से बेहतर बनेगा।
Byte – अजय मंडल, सांसद, भागलपुर
Byte – पवन यादव, विधायक, कहलगांव
FINAL VO – विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना पाल वंश के राजा धर्मपाल ने 7वीं से 8वीं शताब्दी के बीच की थी। यह विश्वविद्यालय 400 साल तक देश-विदेश में शिक्षा का प्रमुख केंद्र रहा। 12वीं शताब्दी में मुस्लिम आक्रांता बख्तियार खिलजी ने विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया था, लेकिन वर्तमान में भी इस स्थल पर खुदाई जारी है, और यहां तंत्र विद्या, संस्कृत, बौद्ध धर्म, न्याय, और तत्वज्ञान की शिक्षा दी जाती थी।
केंद्रीय विश्वविद्यालय के निर्माण के साथ, बिहार और भागलपुर का इतिहास फिर से वैश्विक पटल पर चमकेगा, और छात्र देश-विदेश से यहां शिक्षा प्राप्त करने के लिए आएंगे, जिससे बिहार के अतीत का गौरव एक बार फिर लौटेगा।