भागलपुर के अंग क्षेत्र में विषहरी पूजा के अवसर पर मंदिरों में धूमधाम से पूजा अर्चना की गई। इस पूजा में मंजूषा का भी विशेष महत्व होता है। मान्यता के अनुसार, सती बिहुला अपने पति बाला लखेंद्र के शरीर को लेकर गंगा मार्ग से स्वर्ग की ओर रवाना हुई थीं, इसलिए मंजूषा की पूजा के बाद इसे गंगा में विसर्जित किया जाता है।
मंजूषा की पूजा अर्चना विषहरी भक्तों द्वारा की जाती है, और इसके विसर्जन के लिए शहर के दक्षिण क्षेत्र से एक भव्य यात्रा निकाली गई, जिसमें सैकड़ों भक्त शामिल हुए। विसर्जन यात्रा में भक्तों ने पूरे श्रद्धा भाव से हिस्सा लिया और मंजूषा को गंगा में विसर्जित किया।