अनदेखी : नवगछिया में खुलेआम बेचे जा रहे मिथ्याछाप कुरकुरे, नूड्लस और चिप्स
बरुण बाबुल, जीएस न्यूज
भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल के विभिन्न प्रखंडों खासकर ग्रामीण क्षेत्र में खुले आम बच्चों से लेकर बड़ों तक की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा है, बनाने वाले से बेचने वाले तक दुकानदारों की मिलीभगत से मिलावटी खाद्य सामग्री खुलेआम बेची जा रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग कभी इस ओर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण इन नकली सामानों को बनानें व फैक्ट्री को चलाने वाले के हौसले बुलंद हैं। सोमवार को एक व्यापारी नवगछिया से गाड़ी पर मिथ्याछाप खाद्य सामग्री लेकर रवाना हुआ। एक हाथ से गाड़ी चलाता हुआ मोबाइल पर बात करने में मशगूल था। व्यापारी की पड़ताल की तो वह नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर एवं इस्माईलपुर प्रखण्ड के गाँव के दुकान में मिथ्याछाप सामग्री ले गया।
गाँव के एक किराना दुकान के सामने टोटो से सामग्री उतारी गई। दुकानदार स्वयं मीडिया से बहस करने लगा और खुले आम बेचने की चेतावनी देने लगा। दुकानदार का कहना था कि मेरी ऊपर से नीचे तक बात है, कोई कुछ नहीं कर सकता है। हैरानी की बात यह है कि मिथ्याछाप सामग्री बाजार में बिक रही है और दुकानदार स्वयं नवगछिया अनुमंडल के विभिन्न फेक्ट्री से लेकर आ रहे हैं, ऐसे व्यापारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है ? कुछ इसी तरह की स्थिति बच्चों के लिए आइसक्रीम को लेकर है। एक-एक रुपए के कुल्फी के पाउच बेचे जा रहे हैं। जो पानी से बना होता है और उसमें शक्कर घुली हुई रहती है। इस पर भी किसी तरह का अंकुश नहीं है। आज तक किसी भी खाद्य अधिकारी ने किसी भी स्तर पर कार्रवाई करके मिथ्याछाप सामग्री नहीं पकड़ी और ना ही कभी नष्ट कराई थी, लेकिन व्यापारियों ने और कई फैक्ट्री खोल काम चालू कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत खुले में खाद्य सामग्री की बिक्री प्रतिबंधित है। सरकार के स्पष्ट और सख्त निर्देश हैं कि खाद्य सामग्री खुले में नहीं बेची जाए और उनकी सुरक्षा और शुद्धता सुनिश्चित हो। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दूषित खाद्य सामग्री बेचने पर 6 साल की सजा के साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है।
बच्चों की सेहत हो रही खराब
दरअसल शहर में कई स्थानों पर खुले आम, बच्चों की खाद्य सामग्री सहित अन्य खाद्य पदार्थ बेचे जा रहे हैं। ये खाद्य सामग्री कितनी सुरक्षित है ये कोई नहीं जानता। इस कारण दूषित खाद्य सामग्री खाने से बच्चे बीमार पड़ रहे हैं, उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इस समय वैसे भी तेज धूप और मौसमी बीमारियों का सीजन चल रहा है, ऐसे में दूषित खाद्य सामग्री का उपयोग करना और भी खतरनाक है। वही इस बारे में फूडिंग इंस्पेक्टर मो इकबाल से कई बार मोबाईल पर संपर्क साधने का प्रयास असफल रहा।