भागलपुर : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में अभाविप के बैनर तले आंदोलन कर रहे छात्र नेताओं से वार्ता के दौरान कानाफूसी करना परीक्षा नियंत्रक डॉ अरुण कुमार, डीएसडब्लयू डॉ रामसेवक सिंह सहित प्रॉक्टर और अन्य अधिकारियों को काफी महंगा पड़ गया है| वहीं इस कानाफूसी से नाराज आंदोलन कर रहे छात्रों ने वार्ता करने पहुंचे परीक्षा नियंत्रक , डीएसडबलू और प्रॉक्टर से जमकर हाथापाई किया।
नाराज छात्रों ने सभी अधिकारियों को बंधक बनाने का भी प्रयास किया। वहीं इस दौरान किसी बड़े अनहोनी की आशंका को लेकर यूनिवर्सिटी के किसी एक अधिकारी ने विश्वविद्यालय थाना को इसकी जानकारी दे दी। लेकिन जब तक पुलिस आंदोलन स्थल पर पहुंचती अभाविप के छात्र नेताओं की मदद से परीक्षा नियंत्रक किसी तरह खुद को बचाते हुए वहां से जा चुके थे। जबकि प्रॉक्टर, डीएसडब्लू सहित बानकी बचे अधिकारी छात्रों से ओझल होकर छिपे हुए थे| हालंकि पुलिस के आने के बाद स्थिति पूरी से सामान्य हो गई थी.दरअसल स्नातक तृतीय पार्ट के गणित का 7 वां और 8 वां का प्रश्नपत्र लीक होने के बाद देर शाम विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने उक्त विषय की परीक्षा को स्थगित कर दिया था। इसके पश्चात परीक्षार्थी काफी नाराज हो गए। ऐसे परीक्षार्थियों को अभाविप का भी समर्थन मिला|
वहीं अभाविप के छात्र नेताओं के नेतृत्व में सभी परीक्षार्थी विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरना पर बैठ गए। छात्र इस दौरान प्रश्नपत्र लिक करने वाले दोषियों को सजा देने और जल्द ही स्थगित परीक्षा लेने की मांग कर रहे थे। इसी दौरान डीएसडब्लू रामसेवक सिंह प्रॉक्टर के साथ वार्ता करने पहुंचे। यहां तक तो ठीक था लेकिन इसी दौरान विश्वद्यालय के एक अधिकारी धरना पर बैठे छात्र नेता के कान में कुछ कहने लगे। जिससे बांकि छात्र भड़क गए। हालंकि उस समय छात्र नेता कुश पांडेय, आशुतोष सहित कई छात्रों ने स्थिति को संभाल लिया।
लेकिन ठीक इसी समय वार्ता करने परीक्षा नियंत्रक अरुण कुमार पहुंचे। वार्ता के दौरान परीक्षा नियंत्रक ने स्थगित परीक्षा को पुनः 24 , 28 और 31 को लेने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र लीक करने वालों का भी पता चल गया है।
एक सप्ताह के अंदर दोषियों पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी। इसपर सभी छात्र संतुष्ट भी हो गए। लेकिन सभी ने सभी आश्वाशन को लिखित में देने की बात कही। इसी दौरान मामला बिगड़ गया। देखते ही देखते स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ हाथापाई करने और बदसलूकी करने वाले छात्रों पर प्रॉक्टर ने सख्त कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विरोध का अधिकार है लेकिन किसी को शारीरिक रूप से हानि पहुंचना बिल्कुल ग़लत है। वहीं डीएसडब्लू रामसेवक सिंह ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक करने वाले किसी भी कीमत पर नहीं बख्से जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्र लीक होने से निश्चित रूप से विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हुई है। जबकि छात्र नेताओं ने भी वार्ता को सफल बताकर अपना आंदोलन समाप्त करने की बात कही| छात्र नेता कुश पांडेय ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक होने से छात्र परेशान थे वहीं संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से उन्हें थोड़ा गुस्सा आ गया। कुश पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ किसी ने भी धक्का – मुक्की नहीं की है। अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए विश्वविद्यालय के अधिकारी अनर्गल आरोप लगा रहे हैं।