भागलपुर: जदयू विधायक नरेंद्र कुमार नीरज उर्फ गोपाल मंडल सबेरे हाफ पैंट में ही अपने कब्जे वाली जमीन का हाल जानने पहुंच गए। दरअसल विधायक रोज अपने बरारी स्थित आवास से पैदल डीवीसी चौराहे तक पैदल जाते हैं। कभी-कभी डीएम आवास वाले तिनबटिया तक भी चले जाते हैं। स्वास्थ्य के प्रति सचेत गोपाल मंडल टहलने निकले तो अपनी जमीन का हाल जानने तिलकामांझी पहुंच गए।
सबकुछ सामान्य देख वापस लौट गए। पूछने पर विधायक कहते हैं कि तोहें त जानते छोहो, हम्में अर रोजे टहले वाला लोग। थोड़ा स्वास्थो पर ध्यान दैके चाही। टहलले-टहलले अपनों जमीनों देखी लेलां। ऐ म कुछ दिक्कतो की। अपनो जमीन-माल-जाल देखै लेली नै जैबै की। ठेठी में बोलते-बोलते विधायक जी टाइट हो गए। बोलने लगे अरे साहब हमने टका दिया है। 18 अगस्त को लीगल एग्रीमेंट हुआ है जमीन के असली मालिक अवध किशोर साह से। हम अपने जमीन पर चले गए। हां हमने किसी के साथ मारपीट, झड़प की होती तो कोई बात था। हमने स्पष्ट कर दिया है कि अगर दूसरे पक्ष के पास अंचल की रसीद, म्यूटेशन उसके नाम है तो वह प्रस्तुत करे। गोपाल मंडल पलक झपकते अपना दावा छोड़ देगा।
डरे हुए हैं जयप्रकाश यादव
उधर उस जमीन की रजिस्ट्री 1982 में कराने का दावा करने वाले जयप्रकाश यादव भयभीत हैं। उनका लड़का प्रशांत जमीन से कुछ फर्लांग की दूरी पर पेंट की दुकान खोल रखी है। उसका कहना है कि वह व्यवसायी है। सब दिन बाहर रहकर कमाने लायक बना है। प्रशांत का कहना है कि वह न्याय चाहता है। किसी विवाद में नहीं पडऩा चाहता है। अज्ञानता के कारण तब दादा ने नगर निगम की रसीद और म्यूटेशन को ही अंचल का भी मान लिया था। इसलिए वहां रसीद नहीं कटाई थी। जयप्रकाश यादव और उनके पुत्र ने अपनी सुरक्षा की भी गुहार पुलिस प्रशासन से लगाई है। यहां बता दें कि गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल का अक्सर विवादों से नाता रहा है।