नवगछिया : गुरुवार को व्यवहार न्यायालय में कामकाज पूरी तरह ठप रहा। बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत 16 जनवरी से हुई। न्यायालय के कर्मचारी न्यायालय परिसर में धरने पर बैठे और अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर यह हड़ताल शुरू की गई।
हड़ताल के प्रमुख मुद्दों में वेतन विसंगति, प्रमोशन में देरी, अनुकंपा नियुक्ति और कोर्ट मैनेजर के पद पर सीधी भर्ती शामिल हैं। संघ के उपाध्यक्ष रामस्वरूप ठाकुर ने बताया कि दो जनवरी को हुई बैठक में इन मांगों को लेकर हड़ताल का निर्णय लिया गया था।
संघ ने मांग की है कि कर्मचारियों को सचिवालय सहायक के बराबर वेतनमान दिया जाए, सभी तृतीय व चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की शीघ्र पदोन्नति हो, शत प्रतिशत अनुकंपा पर बहाली की जाए और विशेष न्यायिक कैडर लागू किया जाए।
संघ ने आरोप लगाया कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों के बावजूद वेतन बढ़ोतरी से जुड़े आदेशों को लागू नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के 7 अक्तूबर 2009 और 16 मार्च 2015 के आदेशों को अब तक क्रियान्वित नहीं किया गया।
धरना प्रदर्शन में संजीव कुमार सिंह, अविनाश कुमार, अवधेश कुमार, रविरंजन पटेल, मुकेश शर्मा, रोशन कुमार सिंह, मृत्युंजय कुमार सिंह, अवधेश कुमार, ब्रजेश कुमार चौधरी, विवेक कुमार, रूपेश कुमार, चंदन चौरसिया, दिलीप कुमार, संदीप कुमार, अभिमन्यु कुमार सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।
हड़ताल से न्यायालय के सभी कार्य प्रभावित हुए और कर्मचारियों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, हड़ताल जारी रहेगी।