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ढोलबज्जा : करीब 25 वर्षों से एमबीबीएस की राह देख रहे एपीएचसी ढोलबज्जा को आखिरकार एक एमबीबीएस मिल हीं गया. ज्ञात हो कि ढोलबज्जा अस्पताल की स्थापना 1957 ईस्वी में प्रथम मुख्यमंत्री कृष्ण कुमार केसरी के कार्यकाल में हुआ था. पहले इस अस्पताल का नाम राजकीय औषधालय ढोलबज्जा था. जहां 1995 के बीच करीब चार एमबीबीएस डॉक्टरों में, डॉ सुमन, डॉ पी कुमार, डॉ आरआर झा, डॉ चौधरी व डॉ परवेज आलम थे. उसके बाद आयूष चिकित्सकों के भरोसे हीं अस्पताल चल रहा था.

अंतिम में 25 वर्ष बाद नवगछिया पीएचसी प्रभारी डॉ बरूण कुमार के अथक प्रयास पर ढोलबज्जा एपीएचसी में एक एमबीबीएस के रूप में आदित्य राज को हर दिन की देखरेख में प्रतिनियुक्ति किया गया. जिससे इलाके में काफी खुशी का माहौल दिखा गया. बीते मंगलवार को एमबीबीएस आदित्य राज ने ढोलबज्जा अस्पताल में अपना योगदान भी दे दिया है. योगदान के बाद नवगछिया पीएचसी प्रभारी बरुण कुमार ने भी बुधवार को ढोलबज्जा अस्पताल पहुंच कर वहां का जायजा लेते हुए ग्रामीणों के साथ एक बैठक की.

जहां अस्पताल को बेहतर बनाने के लिए घेराबंदी, स्वास्थ्य लाभ से संबंधित सभी उपकरणों को ठीक कराने, खरीदने व बागवानी सहित कई दिशा निर्देश भी दिए. ताकि अस्पताल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके. वहीं डॉ बरुण ने बैठक के दौरान एक संगठन का विस्तार कर अस्पताल का अध्यक्ष डॉ वरुण व सदस्य के रूप में प्रशांत कुमार कन्हैया का मनोनयन भी किया है.

ताकि हर गतिविधियों का पता चल सके. इस अवसर पर मुखिया राजकुमार उर्फ मुन्ना मंडल, आयूष चिकित्सा प्रभारी बिरेंद्र कुमार, सेवा निवृत्त लिपिक उमाशंकर जायसवाल, एएनएम अनिता कुमारी, सोल्टी जायसवाल, आशा कार्यकर्ताओं बबीता देवी, अभधेश चोधरी, समाजसेवी विनीत आनंद, प्रदीप साह व मेघनाथ मेहतर के साथ अन्य लोग उपस्थित थे.

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