बॉलीवुड में अभिनय-निर्देशन को छोड़ दें, तो बॉलीवुड में इंटरटेंमेंट मार्केटिंग और ब्रांडिंग के क्षेत्र में बिहार का डंका बजता है। प्रभात चौधरी ही वो नाम हैं, जो फिल्मों व सेलिब्रिटी की ब्रांडिंग की पहली पसंद हैं। पटना के सेंट माइकल स्कूल से शिक्षा दीक्षा हासिल करने वाले प्रभात चौधरी दरभंगा के पंचोभ गांव आते हैं, जिन्हें बॉलीवुड का चाणक्य का जाता है। वे स्पाइस पीआर और एंट्रपी डिजिटल के संस्थापक हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजूएशन के बाद सोलह साल से वो स्पाइस चला रहे हैं।
बॉलीवुड के दिग्गज ह्रितिक रोशन, आमिर खान, शाहरुख़ खान, दीपिका पदुकोन, श्रद्धा कपूर, प्रभास, टाइगर श्रॉफ़,जैसे नाम प्रभात के पर्सनल क्लाइंटस हैं, जो अपनी ब्रांडिंग और छवि बनाने के लिए पूरी तरह प्रभात पर निर्भर करते हैं। प्रभात ने भारत को सबसे बड़ी फ़िल्म बाहुबली के लिए ‘आख़िर कट्टप्पा ने बाहुबली को क्यूँ मारा’ कैम्पेन दिया। गूगल पर भारत का सबसे बड़ा स्ट्रैटेजिस्ट कौन सर्च करने पर अमूमन दो नाम आते हैं, प्रशांत किशोर और प्रभात चौधरी।
वे कहते हैं कि हमारी दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण है मानसिक अनुशासन और ज्यादा जानने की जिज्ञासा। बदलते दुनिया की सच्चाईयों से अपडेटेड रहना होता है। इसलिए जरूरी है कि मैं अंदर रहकर भी हमेशा आउटसाइडर बना रहूं। डिजिटल समाज एक नया समाज होगा। उस समाज की रूपरेखा और व्यवहार को समझना हमारी प्राथमिकता है। सोशल मीडिया अच्छी है, लेकिन उसका एक डार्क साइड भी है। हमें अच्छाईयों को अपनाना है। मालूम हो कि IIM बैंगलोर केस स्टडी के रूप में छात्रों को प्रभात चौधरी की यात्रा के बारे में पढ़ाया जाता है। बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर 40 वर्षीय प्रभात मुंबई के मशहूर पाली हिल पर रहते हैं। वे फिल्म इंडस्ट्री के संकटमोचक हैं।