0
(0)

बिहार में कोरोना महामारी और बाढ़ की स्थिति के मद्देनजर बिहार विधानसभा चुनाव 2020 पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि कोरोना महामारी बिहार चुनाव को स्थगित करने का आधार नहीं हो सकती। हम कोरोना की वजह से इसे नहीं टाल सकते। इस मामले में चुनाव आयोग ही सब कुछ फैसला लेगी। जनहित याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से बिहार के कोरोना और बाढ़ से पूरी तरह मुक्त होने तक चुनाव के लिए अधिसूचना जारी नहीं करने का निर्देश चुनाव आयोग को देने का आग्रह किया गया था।

जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि  ‘कोविड-19 के आधार पर चुनावों को नहीं टाला जा सकता। भारत का चुनाव आयोग ही सबकुछ तय करेगा। बेंच ने कहा कि यह एक प्रीमैच्योर याचिका है क्योंकि चुनाव आयोग की तरफ से विधानसभा चुनावों के लिए अब तक कोई अधिसूचना जारी नहीं की गई है। इस पीठ ने जस्टिस आर एस रेड्डी और एम आर शाह भी थे। 

मुजफ्फरपुर के अविनाश ठाकुर की ओर से यह याचिका अधिवक्ता नीरज शेखर ने दायर की थी। अधिवक्ता की ओर से दायर याचिका में बताया गया कि याचिकाकर्ता को विभिन्न अखबारों से पता चला है कि राज्य निर्वाचन आयोग तय समय पर ही चुनाव कराने को लेकर अक्टूबर में अधिसूचना जारी कर सकती है।

चुनाव आयोग की गाइडलाइंस के बाद चर्चा गर्म
दरअसल, बीते शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग ने कोरोना काल में चुनाव कराने संबंधी गाइडलाइंस जारी की थी। इसी के बाद लोग चर्चा कर रहे हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव तय समय पर ही होगा। हालांकि चुनाव आयोग की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। बिहार की सभी विपक्षी पार्टियां कोरोना और बाढ़ से त्रस्त राज्य में चुनाव टालने की मांग कर रही हैं। इन दलों को एनडीए में शामिल एलजेपी का साथ भी मिल रहा है।

आरजेडी की मतदाताओं के लिए बीमा की मांग
वहीं, चुनाव आयोग की गाइडलाइंस पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रीय जनता दल ने चुनाव के दौरान कोरोना की चपेट में आने पर मतदाताओं के लिए बीमा कवरेज की मांग की है। कोरोना महामारी के वक्त चुनाव कराने का विरोध कर रही आरजेडी ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की गाइडलाइन्स में कई स्पष्टीकरण की जरूरत है। 

आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि मतदाताओं को बीमा कवर दिया जाना चाहिए क्योंकि चुनाव में मतदाता ही मुख्य हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग गाइडलाइन्स पर स्पष्टीकरण नहीं देता है तो एसी संभावना है कि 30 से 32 फीसदी कम वोटिंग होगी।

Aapko Yah News Kaise Laga.

Click on a star to rate it!

Average rating 0 / 5. Vote count: 0

No votes so far! Be the first to rate this post.

Share: