विद्यापति चेतना परिषद के तत्वावधान में तेतरी उत्तर पूरब टोला स्थित काली मंदिर परिसर में मैथली के महाकवि को याद करते हुए गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ नागरिक सह पेंशनर परमेश्वर झा एवं बुजुर्ग यदुवीर झा के संयुक्त सुप से किया।कार्यक्रम के अवसर पर मिथिलांचल वासियों द्वारा महाकवि विद्यापति के तस्वीर के सम्मुख पंचमुखी दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की गई.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए परमेश्वर झा ने महाकवि विद्यापति के साहित्य के योगदान पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि समस्तीपुर में जन्मे महाकवि विद्यापति जी भारतीय संस्कृति भक्ति परंपरा के प्रमुख स्तंभ में से एक थे. वह मैथिली के सर्वोपरि महाकवि के रूप में जाने जाते हैं. वे संस्कृत अवहट्ठ आदि अनेकों भाषाओं में के प्रकांड विद्वान थे. उनके कार्यों में मध्यकालीन मैथिली भाषा के रूप का दर्शन किया जा सकता है. आज भी उनके श्रृंगार एवं भक्तिरस से कई रचनाएं जीवंत है. कार्यक्रम में नवगछिया सहित आसपास के इलाके के साहित्य प्रेमी व बुद्धिजीवी मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने उनकी काव्य राजाओं को पढ़ा और श्रवण किया!