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नवगछिया- यदि सरकारी शिक्षक अपना निजी कोचिंग संचालित नहीं सकते हैं तो सरकारी डॉक्टरों को भी अपना निजी चिकित्सा केंद्र चलाने का कोई अधिकार नहीं है। उनसे भी निजी क्लीनिक न चलाने का प्रमाणपत्र सरकार को लेना चाहिए। उक्त बातें प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष विश्वास झा ने कहा। उन्होंने कहा कि सरकार की यह दोहरी नीति बिल्कुल हास्यास्पद है। यदि कोई शिक्षक सरकारी पद पर रहते हुए अपना निजी कोचिंग सेंटर संचालित कर रहे हैं तो उन्हें बंद करने का आदेश निर्गत किया गया है। जबकि इसी तर्ज पर डॉक्टरों के लिए भी सरकार के द्वारा एक आदेश जारी किया जाए कि यदि वह सरकारी सेवा में रहते हैं तो उन्हें निजी क्लीनिक चलाने का कोई अधिकार नहीं है। यह एकतरफा फरमान जारी कर शिक्षकों के साथ अन्याय किया गया है। चिकित्सकों के साथ सगे जैसा और शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार सरकार के दोहरी नीति को जगजाहिर कर रही है।

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