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भागलपुर के युवा अब रोजगार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए बकरी पालन की ओर रुख कर रहे हैं। यह नया ट्रेंड बनता जा रहा है, लेकिन गर्मी के दिनों में बकरी के बच्चों को बीमारियों से बचाना एक बड़ी चुनौती बन गया है



बकरी पालन करने वाले युवाओं के सामने गर्मी के मौसम में बकरी के बच्चों को बीमारियों से बचाना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। गर्मी के दिनों में बकरी के बच्चों को निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है, जो उनके जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है। इस विषय पर जब पशुपालन अधिकारी डॉ. रणधीर कुमार से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि लोग सबसे बड़ी गलती करते हैं कि बकरी के बच्चों को धूप में रखते हैं और दोपहर में पानी पिला देते हैं। यह उनके लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने सलाह दी कि दोपहर के समय बकरी को चराने के लिए न ले जाएं क्योंकि बकरी अधिकतम तापमान 40 से 45 डिग्री तक बर्दाश्त कर सकती है। अगर बाड़े में तापमान इससे अधिक हो तो तुरंत पंखा चलाएं ताकि तापमान नियंत्रण में रहे।



बकरी पालन के फायदों और चुनौतियों के बारे में बात करते हुए बकरी पालक अंजनी कुमार ने बताया कि बकरी पालन मुनाफादायक व्यवसाय है। लेकिन इसके बच्चों को बीमारियों से बचाना सबसे बड़ी चुनौती है। अगर सभी चीजों का सही ढंग से मैनेजमेंट किया जाए तो बच्चे भी बच जाते हैं और व्यवसाय से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सही समय पर फीडिंग कराना और पानी की उचित व्यवस्था करना बहुत महत्वपूर्ण है। इससे बकरी पालन में सफलता पाई जा सकती है और युवा आत्मनिर्भर बन सकते हैं।



भागलपुर के युवाओं द्वारा अपनाया जा रहा यह व्यवसाय न केवल उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न कर रहा है। बकरी पालन की इस पहल से अन्य युवाओं को भी प्रेरणा मिल रही है और वे भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।

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