शिक्षा के मंदिर में शिक्षक हीं कर रहे फर्जीवाड़ा ,स्कूल में नही है बच्चे का नाम फिर भी फर्जी तरीके से निकाल गई पोशाक राशि , स्कूल की शिक्षिका हीं निकली चोर
वैसे तो स्कूल को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है लेकिन जब स्कूल के शिक्षक ही फर्जीवाड़े पर उतर आए तो फिर शिक्षा क्या और स्कूल क्या? हालांकि शिक्षा विभाग को अपर मुख्य सचिव के के पाठक पूर्ण रूपेण सुधारने के प्रयास में लगे हुए हैं लेकिन कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं जो उनके इस प्रयास को विफल करने में जी जान लगा कर बैठे हुए हैं।
पूरा मामला नवगछिया अनुमंडल के नगरह पंचायत स्थित प्राथमिक विद्यालय पासवान टोला नगरह से सामने आया है जहां की प्रधानाध्यापिका व शिक्षिका के मिलीभगत से करीब 350 बच्चों का मिड डे मील के भोजन, पोशाक राशि, छात्रवृत्ति जैसी सुविधाओं के लिए आई राशि का फर्जी तरीके से निकासी किया जा रहा है स्थानीय लोगों के मुताबिक प्रधानाध्यापिका कंचन कुमारी रसोईया से मिड डे मिल के भोजन का चावल अन्य समान प्राइवेट दुकानों में सेल करवाती है वहीं साथ ही साथ स्थानीय लोगों का कहना है की कुछ ऐसे भी बच्चों का नाम स्कूल में है जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं है वही ग्रामीण दीपक कुमार पासवान ने बताया कि मेरी शादी नही हुई है, मुझे एक भी बच्चे नहीं है फिर भी स्कूल में बच्चे के पिता के नाम की जगह मेरा नाम देकर बच्चे के नाम से छात्रवृत्ति पोशाक राशि, मिड डे मील भोजन जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ फर्जी रूप से उठाया जा रहा है
वही जब स्थानीय लोगों से किया गया तो लोगो का कहना है की प्रधानाध्यापिका का यह रवैया कई सालो से चल रहा था जब भी बोलने जाते तो हमलोग को गलत आरोप में फसा दूंगी कह कर धमकाती थी, इसीलिए हमलोग स्कूल नहीं जाते थे, जब हमारे मुखिया व वार्ड सदस्य द्वारा शिकायत की गई तो उन्होंने उल्टा इनको ही रंगदारी का आरोप लगाते हुए डीएम साहब को आवेदन दे दिया।
वही वार्ड पार्षद का कहना है की प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जांच में आए थे उनके द्वारा निरक्षण किया गया तो उन्होंने पाया की किस प्रकार फर्जी रूप से पोशाक राशि , मिड डे मील का भोजन, छात्रवृत्ति की जितनी भी राशियां है पूर्णरूपेण फर्जी तरीके से उठाया गया है।
बीईओ ने निरक्षण कर बताया कि प्रधानाध्यापिका पर लगाए गए सभी आरोप साबित दिख रहा है जब मेरे द्वारा पूछा गया तो प्रधानाध्यापिका स्पष्ट रूप से जवाब देने में असमर्थ थी , इन पर उच्च स्तरीय कार्यवाई की जाएगी .